इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Saba Karim Big Statement : जोहानिसबर्ग में टीम इंडिया का जैसा प्रदर्शन रहा, उससे अब खासकर केपटाउन टेस्ट के लिए सबक सीखने की ज़रूरत है। भारतीय बल्लेबाज़ों से 300 रन नहीं बन पा रहे। अगर 50 से 60 रन और बनाये होते तो मैच की कहानी कुछ और होती। इतना ही नहीं, हमारे गेंदबाज़ों ने 53 फीसदी शॉर्टपिच गेंदें ज़्यादा
डालीं। ऐसी गेंदों पर बल्लेबाज़ों को काफी समय मिल जाता है।
टीम के प्रदर्शन में इतना उतार चढ़ाव नहीं होना चाहिए Saba Karim Big Statement
तीसरे दिन जब पुजारा और रहाणे ने बढ़िया पारियां खेलीं तो स्कोर काफी ऊपर जाना चाहिए था। हमे यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि हम दुनिया की नम्बर वन टीम हैं। ऐसी टीम के प्रदर्शन में इतना उतार चढ़ाव नहीं होना चाहिए। जिस
तरह सेंचुरियन में हमारे गेंदबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन किया।
केएल राहुल ने सेंचुरी बनाई, उसे देखते हुए हमारा लक्ष्य सीरीज़ के क्लीन स्वीप पर होना चाहिए था। अगर पुजारा और रहाणे ने दूसरी पारी में रन बनाये हैं तो ये उनका काम है। इतने रन तो उन्हें बनाने ही चाहिए क्योंकि ये दोनों टीम में विशुद्ध बल्लेबाज़ की हैसियत से खेल रहे हैं और जिनके पास टेस्ट क्रिकेट का लम्बा अनुभव है।
सवाल यहां यह है कि क्या हाफ सेंचुरी के बाद इन्हें ऐसे शॉट खेलकर आउट होना चाहिए था। क्या टीम को उनसे और बड़ी पारी की उम्मीद नहीं थी। वैसे भी अगर इतने अनुभवी बल्लेबाज़ को इतने मौके मिलेंगे तो वह आउट ऑफ फॉर्म होने के बावजूद तीन-चार पारियों में एक हाफ सेंचुरी तो लगा ही लेगा लेकिन हम बार-बार इसी माइंडसेट पर चलते हैं कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा।
गेंदबाज़ भी उस स्तर की गेंदबाज़ी नहीं कर पाये Saba Karim Big Statement
गेंदबाज़ आखिर कब तक इनकी कमियों पर पर्दा डालेंगे। यहां गेंदबाज़ भी उस स्तर की गेंदबाज़ी नहीं कर पाये। सच तो यह है कि अब पुजारा और रहाणे को लेकर मैं यही कहूंगा कि अब कड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है। हमारा मध्यक्रम लम्बे समय से संघर्ष कर रहा है।
पिछले काफी महीनों से भारत की ओर से अगर कोई सेंचुरी लगी है तो वह हमारे ओपनर्स ने ही लगाई है। मध्य क्रम बड़ी पारी खेलने से काफी दूर रहा है। हमारे इसी अल्हड़पन से साउथ अफ्रीका की युवा टीम का मनोबल इस समय सातवें स्थान पर होगा।
अब विराट कोहली अगले टेस्ट में लौटेंगे तो क्या हनुमा विहारी जैसे बल्लेबाज़ को बाहर बिठाना सही होगा। मेरे ख्याल से टीम को मुश्किल फैसला लेना चाहिए। कैपटाउन टेस्ट की विकेट को लेकर कहा जा रहा है कि यह स्पिन फ्रेंडली होगी। मुझे नहीं लगता कि ये उतनी स्पिन फ्रेंडली होगी।
हां, सीराज की जगह ईशांत शर्मा को मौका मिल सकता है लेकिन यह बहुत कुछ इस बार पर निर्भर करेगा कि ईशांत नेट्स पर कैसी गेंदबाज़ी कर रहे हैं। हमें सिर्फ रबाडा और ओलिवर के खिलाफ ही रणनीति नहीं बनानी चाहिए बल्कि बाकी गेंदबाज़ों को भी ध्यान में रखना चाहिए। तभी बेहतर प्रदर्शन करने के बारे में सोचा जा सकता है।
(लेखक टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ और अब क्रिकेट समीक्षक हैं)
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