- 10 प्रतिशत के आधार पर वृद्धि कर रहा विमानन क्षेत्र : ज्योतिरादित्य सिंधिया
इंडिया न्यूज | India News Gwalior Manch : इंडिया न्यूज ग्वालियर मंच पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है। उसके लिए मैं उनका कृतज्ञ हूं कि उन्होंने मुझे इस लायक समझा।
नागरिक विमानन और इस्पात मंत्रालय दोनों ही किसी भी देश के विकास के साथ जुड़े हुए एक महत्त्वपूर्ण अंश हैं। आज से 20 से 40 साल पहले एयरपोर्ट और विमानों की मांग सिर्फ वहीं उठती थी जहां प्रगति और विकास की एक गति हो। पीएम मोदी ने 8 साल के कार्यकाल में इस परिभाषा को बदलकर रख दिया है। पीएम ने नगरीय विमानन क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए।”
दिल्ली से मुंबई का फ्लाइट किराया हुआ पहले से कम
उड्डयन मंत्री ने आगे कहा कि “पहले ये क्षेत्र देश की आबादी के सिर्फ 5 प्रतिशत लोगों के लिए समझा जाता था। लेकिन पीएम मोदी ने इसे पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। पहले दिल्ली से मुंबई फ्लाइट का किराया 25 से 30 हजार रुपए तक होता था। वहीं, आज आप 6 से 7 हजार रुपए में जा सकते हैं।
2014 में भारत में 74 हवाई अड्डे थे और आज 141 हैं
कोरोना से पहले भारत में साढ़े 14 करोड़ यात्री एक साल में विमान से सफर करते थे। वहीं रेलवे के फर्स्ट ऐसी और सेकेंड ऐसी में साढ़े 18 करोड़ यात्री एक साल में सफर करते थे। रेलवे का क्षेत्र 5.6 प्रतिशत के आधार पर वृद्धि कर रहा है। वहीं नागर विमानन क्षेत्र 10 प्रतिशत के आधार पर वृद्धि कर रहा है। 2014 में भारत में 74 हवाई अड्डे थे आज 141 हवाई अड्डे हैं।”
इस्पात के उत्पादन में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर
इस्पात मंत्रालय के बारे में सिंधिया ने कहा कि “इस्पात के क्षेत्र में भारत दुनिया भर में द्वितीय उत्पादक देश है। विश्व का प्रोडकशन करीब 2 हजार मिलियन टन है। जिसमें से भारत एक वर्तमान में प्रोडक्शन 155 मिलियन टन है। हमारी यह कोशिश है कि 155 मिलियन टन को 300 मिलियन टन तक पहुंचना है।”
गौमाता हमारे लिए भगवान समान
लम्पी महामारी के बारे में सिंधिया ने कहा कि “मुझे विश्वास है कि भारत सरकार और हमारी राज्य सरकारें इस मुददे को बहुत गहराई से लेंगे और इस विषय पर जरूर आकलन करेंगे, क्योंकि हमारी गौमाता हमारे लिए भगवान समान तो है और जीवनदायी है।
गौ माता का संरक्षण करना हमारा दायित्व
क्योंकि दूध हर व्यक्ति पीता है, चाहे वो बालक या बालिका हो या वृद्ध व्यक्ति हो। गौ माता का संरक्षण करना भी हमारा दायित्व है। तो अगर वास्तविकता में ये बीमारी इतनी जोरों से फैल रही है तो मुझे विश्वास है कि भारत सरकार और राज्य सरकारें मिलकर राज्यों में फैल रही इस बीमारी पर जरूर तीव्रता से कार्रवाई करेंगी।”
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