INDIA NEWS-JAN KI BAAT OPINION POLL PUNJAB
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
INDIA NEWS-JAN KI BAAT OPINION POLL PUNJAB: पंजाब में टिकट बंटवारे के बाद इंडिया न्यूज़-जन की बात ओपिनियन पोल (INDIA NEWS-JAN KI BAAT OPINION POLL PUNJAB) के मुताबिक राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) की पूर्ण बहुमत से सरकार बन रही है।
INDIA NEWS-JAN KI BAAT OPINION POLL UP जाट बंटे, यूपी में बीजेपी को लीड: सर्वे
117 सीटों पर हुए सर्वे में AAP को 60-63 सीटें मिल रही हैं, जिसका मतलब ये है कि पंजाब में भगवंत मान (BHAGWANT MANN) CM बनने वाले है। यानि कांग्रेस के हाथ से एक और राज्य निकल सकता है।
सिद्धू-चन्नी विवाद यानी कांग्रेस आंतरिक गुटबाज़ी की वजह से हार रही है : सर्वे
सर्वे में कांग्रेस को 36-40, शिरोमणि अकाली दल (SAD) को 14-17 जबकि बीजेपी+ (BJP) 4 सीट मिलती दिख रही हैं। वोट शेयर में AAP को 40-41%, कांग्रेस (CONGRESS) 35-36%, SAD 13-17%, बीजेपी+ को 7-8% वोट मिलते दिख रहे हैं।
इंडिया न्यूज़-जन की बात के सर्वे में पंजाब के लोगों से जब ये पूछा गया कि क्या सिद्धू-चन्नी विवाद यानी कांग्रेस आंतरिक गुटबाज़ी की वजह से हार रही है? इसके जवाब में 70% लोगों ने ‘हां’ कहा।
पटियाला सिटी से जीत सकते हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह : सर्वे
सर्वे में बड़े धुरंधर अपनी सीट बचाने में कामयाब होते नजर आए। जैसे संगरूर से AAP के CM चेहरे भगवंत मान जीतते नजर आ रहे हैं। चमकौर साहिब से चरणजीत सिंह चन्नी जीत रहे हैं।
अमृतसर पूर्व से अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को हराकर नवजोत सिंह सिद्धू जीतते दिखाई दे रहे हैं। पटियाला सिटी से कैप्टन अमरिंदर सिंह जीत सकते हैं। वहीं, अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल भी जलालाबाद से जीत रहे हैं। मोगा से सोनू सूद की बहन मालविका भी जीतती दिख रही हैं।
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पसंदीदा सीएम उम्मीदवार
पोलस्ट्रैट-न्यूज़एक्स के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में पाया गया कि कुल उत्तरदाताओं में से 38.92% आप के भगवंत मान को अगला मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। वर्तमान सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) और शिअद के सुखबीर सिंह बादल इस संबंध में मामूली अंतर के साथ दूसरे स्थान पर हैं। चन्नी को 20.78% उत्तरदाताओं ने समर्थन दिया, जबकि सुखबीर बादल के 20.34% उत्तरदाताओं ने पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया।
प्रमुख मुद्दे
सर्वेक्षण में उन मुद्दों की पहचान करने की कोशिश की गई जो राज्य में चुनाव के समय प्रमुख निर्णायक कारक होंगे। पंजाब राज्य के कुछ प्रमुख मुद्दों पर बंटा हुआ है। भले ही मतदाताओं के बीच रोजगार के अवसर सबसे बड़े मुद्दे के रूप में उभरे, लेकिन यह मुद्दा केवल 32.5% उत्तरदाताओं के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अगले दो प्रमुख मुद्दे थे विकास (19.8%) और अपवित्रता (13.9%)। कृषि उपज के लिए एमएसपी, जो कि कृषि विरोधी कानून के विरोध के दौरान एक प्रमुख मांग थी, 10.4% मतदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा।
लोगों की चिंता
अधिकांश उत्तरदाताओं (31.63%) ने सहमति व्यक्त की कि सिख और हिंदू समुदायों के बीच ध्रुवीकरण राज्य में एक प्रमुख चिंता का विषय है। 22.2% उत्तरदाताओं के अनुसार, राज्य के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के लिए पहचान की राजनीति एक और चिंता का विषय है।
विदेशी भूमि से सक्रिय खालिस्तानी अलगाववादियों का मुद्दा कुल उत्तरदाताओं में से सिर्फ 16.36% के लिए एक शीर्ष चिंता का विषय प्रतीत होता है। इस बीच, उत्तरदाताओं के एक छोटे समूह (6.07%) ने पंजाब में मॉब लिंचिंग पर चिंता व्यक्त की।
पंजाब के चुनाव में आप का प्रभाव
61.07% उत्तरदाताओं ने सहमति व्यक्त की कि आम आदमी पार्टी राज्य में पैठ बनाने में सफल रही है। कुल उत्तरदाताओं में से, 41.5% का मानना है कि पार्टी अब राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। दूसरी ओर, कुल उत्तरदाताओं में से 27.54% का मानना है कि पार्टी ने पंजाब की राजनीति में कोई प्रभाव नहीं डाला है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा भंग मामला
45.68% उत्तरदाताओं ने फिरोजपुर यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध के लिए राज्य के अधिकारियों को दोषी ठहराने पर जोरदार असहमति जताई। हालांकि, 36.96% उत्तरदाताओं ने सुरक्षा चूक के लिए राज्य प्रशासन को दोषी ठहराया, और अन्य 7.88% ने कम आत्मविश्वास के साथ ऐसा कहा।
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