इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
मनोज जोशी
बेशक हार्दिक पांड्या IPL में एक सुलझे हुए कप्तान के तौर पर उभरकर सामने आए हों लेकिन एक सच यह भी है कि उन्हें अपने व्यवहार पर ही काबू रखना चाहिए। कभी मैथ्यू वेड को डांटते हैं तो कभी साई सुदर्शन को, कभी डेविड मिलर की शामत आ जाती है तो कभी अपने से कहीं सीनियर मोहम्मद शमी का नम्बर आ जाता है।
पिछले दो मैचों से हार्दिक पंडया दिखा रहे है प्लेयरों पर गुस्सा
ये घटनाएं गुजरात टाइटंस के पिछले दो मैचों की हैं। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ तो उन्होंने सारी हदें पार कर दीं। हुआ कुछ यूं था कि वह पारी के 13वें ओवर में गेंदबाजी के लिए आए। उनकी दो शॉर्ट गेंदों पर केन विलियम्सन ने दो छक्के लगा दिए। एक बाउंसर पर पुल करके और दूसरा उनकी शॉर्ट बॉल पर बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के ऊपर से लगाया। इस बात से हार्दिक बहुत परेशान हो गए थे। जब इसी ओवर की आखिरी गेंद पर राहुल त्रिपाठी ने अपरकट किया तो गेंद थर्डमैन पर खड़े मोहम्मद शमी से दो गज पहले गिरी लेकिन शमी ने कैच लपकने की बजाए बाउंड्री रोकने पर ध्यान केंद्रित किया।इस पर हार्दिक बौखला गए और उन्हें भला-बुरा कह दिया।
शमी के साथ गालीगलोच करते दिखे हार्दिक (Hardik Pandya Got Angry on Shammi During Match)
शमी तजुर्बे में भी हार्दिक से ऊपर हैं और उम्र में भी उनसे बड़े हैं। इस बात को लेकर सोशल मीडिया में दिन भर इस बात की चर्चा रही कि क्या अपने साथियों के साथ ऐसा व्यवहार हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी को शोभा देता है। खबर तो यहां तक हैं कि हार्दिक ने शमी के साथ गालीगलौच भी किया था। इसी मैच के 17वें ओवर में मैथ्यू वेड ने बाउंड्री रोकने की कोशिश की जिस पर वह सफल नहीं हो पाए। तब स्टम्प माइक पर उनकी यह आवाज साफ तौर पर सुनाई दी कि आई टोल्ड हिम थ्री टाइम्स (मैने उसे तीन बार कहा था)। इसी तरह अपनी टीम के युवा खिलाड़ी साई सुदर्शन पर भी हार्दिक चिल्लाए थे।
मिसफील्डिंग को लेकर हुए थे गुस्सा
दरअसल इस खिलाड़ी के फील्डिंग के दौरान जहां एक रन होना चाहिए था, वहां दो रन बन गए थे। इस मिसफील्डिंग को छोड़कर बाकी मौकों पर इस खिलाड़ी ने बेहतरीन फील्डिंग का परिचय दिया था। हालांकि ऐसी बात के लिए गुस्सा होना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि हीट आफ द मूवमेंट ऐसा अक्सर हो जाता है लेकिन गालीगलौच या दुर्व्यवहार जैसी चीजों की जेंटलमैन कहे जाने वाले खेल में कोई जगह नहीं है।
इससे पिछले मैच में पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच में जब हार्दिक 19वें ओवर में आउट हुए तो उन्होंने इसका सारा ठीकरा डेविड मिलर पर फोड़ दिया। उन्हें उनके रनआउट होने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। डेविड मिलर उन्हें देखते भर रह गए। इसी आईपीएल में नीतीश राणा ने भी एक मैच में आउट होने पर एक विज्ञापन के होल्डिंग पर गुस्से में बल्ला मार दिया था, जिसे लेवल 1 का अपराध माना गया और उनकी मैच फीस काट ली गई थी। इसी मैच में जसप्रीत बुमराह को उनके व्यवहार के लिए चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था।
पिछले वर्षों में श्रीसंत-भज्जी का थप्पड़ प्रकरण हो या फिर बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बरिंदर सरान का पार्थिव पटेल को आउट करके उन्हें बाहर जाने के लिए कहना हो। इसी तरह विराट कोहली ने पिछले साल बैंगलुरु में खेले मैच में होल्डर की गेंद पर आउट होने के बाद गुस्से में चेयर को हिट किया था। इसी तरह गौतम गम्भीर की भी आरसीबी के खिलाफ मैच में उनके व्यवहार के लिए मैच फीस काट ली गई थी। केकेआर के को-ओनर शाहरुख खान का मुम्बई क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार भी काफी चर्चा का विषय बना जिस पर शाहरुख ने बाद में माफी मांग ली थी।
इसका हल यही है कि आईपीएल गवर्निंग काउंसिल को ऐसे खलाड़ियों के खिलाफ कदम उठाने चाहिए। बेहतर हो कि टीम ओनर्स राष्ट्र हित और आईपीएल की गरिमा को देखते हुए अपने खिलाड़ियों को साफ-सुथरे खेल के लिए प्रेरित करें।
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