(नई दिल्ली): फीफा विश्व कप 2022 में अमेरिकी पत्रकार ग्रांट वाहल की मौत को अभी 48 घंटे भी पूरे नहीं हुए थे कि टूर्नामेंट को कवर कर रहे फोटो जर्नलिस्ट खालिद अल-मिस्लाम की भी मौत की खबर सामने आई है। फीफा विश्व कप के दौरान यह दूसरी बार हुआ है जब पत्रकार के मौत का मामला सामने आया है।
खालिद अल-मिस्लाम की मौत पर ओएनयू न्यूज पोर्तुगीज की चीफ एडिटर मोनिका ग्रेलेय ने ट्वीट कर लिखा, ‘कतर फीफा विश्व कप के दौरान दूसरे पत्रकार की मौत। खालिद अल-मिस्लाम जो कि कतरी न्यूज चैनल अल कास टीवी में काम करते थे वो अब नहीं रहे। एक दिन पहले ही अमेरिकी फुटबॉल पत्रकार ग्रांट वाहल की भी अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बीच हुए मैच के दौरान उनकी मौत हो गई थी।’
खालिद की मौत की वजह अभी नहीं आई सामने
हालांकि खालिद अल-मिस्लाम की मौत की वजह अभी सामने नहीं आई है लेकिन लगातार दो दिन में पत्रकारों की मौत से फीफा विश्व कप को कवर रहे हैं पत्रकारों में हड़कंप मचा हुआ है।
खालिद अल-मिस्लाम की मौत पर कतरी आउट आउलेट ने भी एक बयान जारी कर कहा, ‘अल-मिस्लाम की फीफा विश्व कप कतर 2022 को कवर करते समय अचानक मौत हो गई। हम अल्लाह की दया और उसके लिए क्षमा में विश्वास करते हैं, और उसके परिवार के लिए हमारी गहरी संवेदनाएं भेजते हैं।’
अमेरिकी पत्रतार ग्रांट वाहल की मौत पर वॉशिंग्टन में रहने वाले उनके भाई एरिक ने फीफा के आयोजनकर्ताओं पर एक बड़ा और गंभीर आरोप लगाया है। एक वीडियो जारी कर एरिक ने कहा कि उनके भाई की मौत नहीं बल्कि हत्या की गई है और इसकी जांच की जानी जाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मेरा भाई पूरी तरह से सेहतमंद था, उनकी मौत नहीं हो सकती है। मैं गे हूं इसलिए उन्होंने रेनबो टी शर्ट पहनी थी, जिसके कारण उन्होंने कतर प्रशासन ने हिरासत में भी लिया था और वहीं पर उनके साथ कुछ किया गया। मुझे आप सबसे मदद चाहिए।’
ग्रांट वाहल के दौरान एक तस्वीर खूब हुई वायरल
ग्रांट वाहल की फीफा विश्व कप 2022 के दौरान एक तस्वीर खूब वायरल हुई है, जिसमें उन्होंने रेनबो टी शर्ट पहन रखी थी। रेनबो टी शर्ट ने उन्होंने LGBTQ समुदाय के समर्थन में पहनी थी। इसके बाद उन्हें कतर पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
हालांकि कुछ घंटों के बाद उन्हें छोड़ दिया गया लेकिन अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बीच मुकाबले के दौरान वह अचानक अपनी कुर्सी से गिर गए और उनकी मौत हो गई। बता दें कि कतर एक इस्लामिक देश है और यहां पर समलैंगिकता पर बैन है। ऐसे में किसी भी तरह से LGBTQ समुदाय को किया गया समर्थन कतर में अपराध की श्रेणी में माना जाता है।
फीफा की तैयारियों में मजदूरों की हुई मौत
फीफा विश्व कप की मेजबान की के बाद से ही कतर विवादों में रहा है। यह पहली बार नहीं है जब फीफा से जुड़े लोगों के मौत का मामला सामने आया है। इसमें कोई शक नहीं है की कतर ने फीफा का भव्य आयोजन किया है लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक यहां काम करने वाले प्रवासी मजदूरों की मौत को भी कतर की सरकार ने छिपाया है। माना जा रहा है कि फीफा की तैयारियों में काम करने वाले 65 प्रतिशत मजदूरों की मौत हो चुकी है जिसका कोई अत पता नहीं है।
कतर में एशिया मूल ले लाखों की संख्या में मजदूर यहां काम करने गए थे लेकिन कतर सरकार ने कहा कि सिर्फ 400 से 500 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ऐसे में अब पत्रकारों की मौत ने कतर की मेजबानी को सवालों के घेरे में ला दिया है।