(नई दिल्ली): ये जोश था, जुनून था, फ़ाइनल फ़्रंटियर तक पहुंच जाने की ख़ुशी थी या फिर इन सबके मेल से उपजी दीवानगी थी, लेकिन जो भी था, देखने वालों को सेमीफ़ाइनल में क्रोएशिया पर दमदार जीत के बाद अर्जेंटीना के खिलाड़ियों का जश्न लंबे वक़्त तक याद रहेगा. पिच पर गोल घेरा बनाकर उछलते-कूदते और जश्न मनाते खिलाड़ी अलग ही दुनिया में थे.
फ़ाइनल तक अर्जेंटीना टीम पहुंची छठी बार
फुटबॉल वर्ल्ड कप के फ़ाइनल तक 32 में से सिर्फ़ दो टीमें पहुंचती हैं और अर्जेंटीना की टीम छठी बार इस मुकाम तक पहुंची है. अपको बता दे कि इससे पहले ये टीम 2014 में भी फ़ाइनल में दाखिल हुई थी.
सेमीफ़ाइनल में प्लेयर ऑफ़ द मैच चुने गए लियोनेल मेसी तब 27 बरस के थे और तमाम एक्सपर्ट इस टूर्नामेंट के पहले से ही बहस में लगे हैं कि 2026 में होने वाले वर्ल्ड कप में वो अर्जेंटीना टीम का हिस्सा होंगे या नहीं.
मेसी के हिस्से अभी तक वर्ल्ड कप नहीं आया
भविष्य किसने देखा है. जब अर्जेंटीना ने आख़िरी बार वर्ल्ड कप जीता था. वो साल था 1986. मेसी का जन्म 1987 में हुआ. अर्जेंटीना ने उसके पहले साल 1978 में वर्ल्ड कप जीता था. अतीत और भविष्य के परे जिनकी नज़र वर्तमान पर है, उनमें से तमाम लोग मेसी की महारथ और उनके जादू पर निसार हैं. कई बार उनकी तुलना सर्वकालिक महान खिलाड़ियों ब्राज़ील के पेले और अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना से की जाती है. इन दोनों महान खिलाड़ियों के उलट मेसी के हिस्से अभी तक वर्ल्ड कप नहीं आया है.
फिर भी दुनिया मेसी की कायल है. उनकी तारीफ़ करने वालों में पूर्व खिलाड़ी और बरसों से फ़ुटबॉल कवर करने वाले दिग्गज शामिल हैं. इंग्लैंड के पूर्व फ़ुटबॉलर एलन शियरर की राय है कि अर्जेंटीना ‘मेसी की वजह से ही फ़ाइनल में है.’ ‘मेसी, मेसी’ की रट लगाते हुए स्टेडियम भर देने वाले और अर्जेंटीना की हर जीत के बाद दुनिया के कोने-कोने में दीवाली जैसा जश्न मनाने वाले फ़ैन्स तो ये मानते ही हैं.
क्रोएशिया टीम ने सेमीफ़ाइनल में टेके घुटने
क्रोएशिया पर अर्जेंटीना की जीत के बाद एलन शियरर ने कहा, “उनमें अब भले ही पहले की तरह तेज़ी न हो, लेकिन उनका जादू कायम है. घूमने और पलटजाने की कला, बॉल को साथ लेकर दौड़ने और डिफ़ेंडर्स को आसानी से छकाने की ख़ूबी बरक़रार है.” उन्होंने आगे कहा, “बेहतरीन विरोधी भी उनके खेल के सामने औसत नज़र आने लगते हैं जबकि हक़ीक़त में वो टीमें उतनी ख़राब नहीं होतीं.” क्रोएशिया के साथ भी यही हुआ.
ब्राज़ील को हराकर अर्जेंटीना से मुक़ाबले का हक़ हासिल करने वाली क्रोएशिया की टीम सेमीफ़ाइनल में इतनी आसानी से घुटने टेक देगी, ये किसी को नहीं लग रहा था. लेकिन सेमीफ़ाइनल मैच के 34वें मिनट में पेनल्टी लेने आए मेसी ने क्रोएशिया के गोलकीपर डोमिनिक लिवाकोविच को छकाकर गोल क्या दागा, इस टीम की रक्षा पंक्ति बिखर गई.
मेसी का जादू सेमीफ़ाइनल में शिखर पर
टूर्नामेंट से अपनी टीम की विदाई के बाद दालिच ने कहा, “मेसी के बारे में ज़्यादा कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है. वो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं. वो आज बहुत शानदार और ख़तरनाक थे. ये वही मेसी थे जिन्हें देखने की हमने उम्मीद लगाई थी.” मेसी का जादू सेमीफ़ाइनल में शिखर पर था, लेकिन वो सिर्फ़ एक मैच के हीरो नहीं हैं. आंकड़े बताते हैं कि फ़ुटबॉल के दिग्गज और फ़ैन्स उन पर इस क़दर निसार क्यों हैं.
मेसी की कुछ खास बातें
- वर्ल्ड कप में 25 मैच खेल चुके मेसी सबसे ज़्यादा मैच खेलने के मामले में जर्मनी के लोथार मैथायस की बराबरी कर चुके हैं.
- वर्ल्ड कप में उनके नाम 11 गोल दर्ज हो चुके हैं. वो अर्जेंटीना की ओर से वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा गोल दागने वाले प्लेयर हैं.
- वर्ल्ड कप के चार मैचों में उन्होंने गोल किए भी हैं और साथी खिलाड़ी के लिए गोल करने के मौके भी बनाए हैं. तीन बार (मेक्सिको, नीदरलैंड्स और क्रोएशिया के ख़िलाफ़) ये कमाल उन्होंने मौजूदा वर्ल्ड कप में किया है.
- 2022 में अर्जेंटीना की ओर से किए 22 गोल में उनका योगदान रहा है. इनमें से 16 गोल उन्होंने दागे हैं.
सेमीफ़ाइनल में मेसी को चुना ‘मैन ऑफ़ द मैच’
- क्रोएशिया के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में मेसी को ‘मैन ऑफ़ द मैच’ चुना गया. मौजूदा वर्ल्ड कप में वो सबसे ज़्यादा चार बार मैन ऑफ़ द मैच चुने गए हैं.
- कामयाबी की ख़ुशी मेसी के चेहरे पर भी दिखती है और उनकी बातों से भी सामने आती है.
- फ़ाइनल का टिकट हासिल करने के बाद मेसी ने कहा, “मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. इस वर्ल्ड कप में बहुत ख़ुशी हो रही है कि मैं अपनी टीम की मदद कर पा रहा हूं.”
- ख़ुशी के ऐसे पल मेसी ने पहले भी देखे हैं. साल 2014 में भी उनकी टीम फ़ाइनल तक पहुंची थी, लेकिन आख़िरी मोर्चे पर जर्मनी ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया था.
इस बार भी ये सवाल पूछा जा रहा है कि पुर्तगाल के लिए क्रिस्टियानो रोनाल्डो और ब्राज़ील के लिए नेमार जो नहीं कर सके क्या वो कमाल अर्जेंटीना के लिए मेसी कर पाएंगे?
इस सवाल की वजह भी ट्रॉफ़ी और मेसी के बीच अभी एक मैच का फ़ासला है. फ़ाइनल में अर्जेंटीना का मुक़ाबला डिफ़ेंडिंग चैम्पियन फ़्रांस और मोरक्को के बीच दूसरे सेमीफ़ाइनल जीतने वाली टीम से होगा.
अर्जेंटीना की टीम को अहम मौके पर विरोधी टीम कैसे दबाव में ला सकती है, इसका उदाहरण सऊदी अरब की टीम पेश कर चुकी है. सऊदी अरब ने पहले ही मैच में अर्जेंटीना को 2-1 से मात दी थी. उस हार की कसक मेसी के भी ज़हन में है.
मेसी कहते हैं, “मैं कहूंगा कि पहला मैच हमारे लिए बड़ा झटका था. हम लगातार 36 मैच जीत चुके थे. हम सोच नहीं सकते थे कि सऊदी अरब से हार जाएंगे.”मेसी ये भी कहते हैं कि उस हार ने उनकी टीम को एकजुट कर दिया.
वो कहते हैं, “ये पूरी टीम के लिए लिए एसिड टेस्ट था. हमने साबित किया है कि हम कितने दमदार हैं. हम जानते थे कि हमारे लिए हर मैच फ़ाइनल की अहमियत रखता है. हम पांच फ़ाइनल (वर्ल्ड कप के पांच मैच) जीत चुके हैं. मुझे उम्मीद है कि रविवार को होने वाले फ़ाइनल में भी हमारा यही अंदाज़ रहेगा.”
मैच की ख़ास और खास बातें
- अर्जेंटीना ने फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 के फ़ाइनल में जगह बना ली है
- अर्जेंटीना ने पहले सेमीफ़ाइनल में क्रोएशिया को 3-0 के अंतर से हराया
- अर्जेंटीना के लिए लियोनेल मेसी ने एक और जूलियन अल्वरेज़ ने दो गोल किए
- अर्जेंटीना ने पहले हाफ़ में दो गोल किए. एक गोल दूसरे हाफ़ में हुआ.
- अर्जेंटीना ने छठी बार वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में जगह बनाई है.
- फ़ाइनल में रविवार को अर्जेंटीना की टक्कर दूसरे सेमीफ़ाइनल के विजेता से होगी
- दूसरे सेमीफ़ाइनल में फ्रांस का मुक़ाबला मोरक्को से होगा.
चोटिल मेसी की 10 नंबर जर्सी पहनकर आये फ़ैन्स
फ़ाइनल में मुक़ाबले में जो भी टीम होगी, वो भी मेसी के इरादे से वाक़िफ़ होगी. वो ये समझकर ही आएगी कि मेसी को घेरकर ट्रॉफ़ी का रास्ता मिल सकता है. क्रोएशिया की टीम ने भी सेमीफ़ाइनल के शुरुआती कुछ मिनटों में यही कोशिश की थी. सेमीफ़ाइनल में दिक़्क़त एक और दिखी. मैच के 19वें मिनट में मेसी हैमस्ट्रिंग सहलाते नज़र आए. उनके चोटिल होने की आशंका में मेसी जैसी 10 नंबर की जर्सी पहनकर अर्जेंटीना का समर्थन करने आए तमाम फ़ैन्स के दिल बैठने लगे.
मेसी लगातार खेल रहे हैं. उम्र का भी उन पर असर लाज़िमी है और कई एक्सपर्ट मानते हैं कि अर्जेंटीना टीम की उन पर ज़रूरत से ज़्यादा निर्भरता टीम के लिए परेशानी की एक वजह हो सकती है. हालांकि, सेमीफ़ाइनल में चमक बिखेरने वाला 22 साल का एक सितारा मेसी की आस बुलंद कर रहा होगा. इसका नाम है जूलियन अल्वरेज़. अल्वरेज़ ने सेमीफ़ाइनल में दो गोल किए और मेसी ने जो गोल किया, उस पेनल्टी को हासिल करने के पीछे भी अल्वरेज़ का ही योगदान था.
अर्जेंटीना के 12 गोल में से 11 में मेसी का योगदान
मेसी और अल्वरेज़ की जुगलबंदी कितनी स्पेशल है ये इस बात से समझी जा सकती है कि मौजूदा वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना ने जो 12 गोल किए हैं, उनमें से 11 में मेसी और अल्वरेज़ का योगदान रहा है. लेकिन इस जोड़ी का सबसे बड़ा इम्तिहान अभी बाक़ी है और उसी परीक्षा से तय होगा कि वर्ल्ड कप में मेसी के हिस्से रोनाल्डो और नेमार जैसी मायूसी आएगी या पेले और माराडोना जैसी ख्याति