(नई दिल्ली): कतर में खेला जा रहा फीफा वर्ल्ड कप अपने अंत की ओर बढ़ गया है और रविवार यानी 18 दिसंबर को अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच मैच खेला जाना है। ये टूर्नामेंट उलटफेर से भरा हुआ रहा जिसमें कई छोटी टीमों ने दिग्गज टीमों को मात दी। इन्ही में से एक टीम मोरक्को रही जिसने क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल को हराकर बाहर कर दिया था।
इस मैच में टीम ने पहले हाफ में स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो को बेंच पर बिठाया जिसपर हार के बाद बवाल मच गया और कई लोगों द्वारा कोच के इस्तीफे की मांग की गई जिसके बाद आखिरकार पुर्तगाल के कोच फर्नांडो सैंटोस ने गुरुवार यानी 15 दिसंबर को अपना पद त्याग दिया।
68 वर्षीय सैंटोस के साथ किया गया एक समझौता
पुर्तगाल के फुटबॉल महासंघ ने एक बयान में कहा कि 68 वर्षीय सैंटोस के साथ एक समझौता किया गया था, “सितंबर 2014 में शुरू हुई सफल यात्रा अब खत्म हो रही है”। एफपीएफ ने कहा कि वह “अब अगले राष्ट्रीय कोच को चुनने की प्रक्रिया शुरू करेगा”।
आठ साल से यह जिम्मेदारी संभाल रहे सैंटोस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को मोरक्को के हाथों 1-0 की हार के बावजूद सैंटोस इस बात पर अड़े हुए थे कि उन्हें पुर्तगाल के कोच पद से नहीं हटाया जाएगा। वह आठ साल से यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि हर कोई विश्व कप के दौरान उनके फैसलों से सहमत नहीं था, जिसमें बाद के मैचों में क्रिस्टियानो रोनाल्डो को बेंच पर छोड़ना शामिल था।
आपको लेने पड़ते हैं कुछ कठिन निर्णय
पुर्तगाल के कोच पद से इस्तीफा देने के बाद सैंटोस ने एक इमोशनल मैसेज भेजा और कहा कि ‘मैं अत्यधिक कृतज्ञता की भावना के साथ जा रहा हूं। जब आप एक समूह का नेतृत्व करते हैं, तो आपको कुछ कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं। यह सामान्य है कि मेरे द्वारा किए गए विकल्पों से हर कोई खुश नहीं होता है।’