Good Performance of Rishabh Pant टीम मैनेजमेंट के भरोसे पर खरे उतरे ऋषभ पंत
सबा करीम, नई दिल्ली : मुझे खुशी है कि ऋषभ पंत को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कॉन्फिडेंस दिया जा रहा है। टीम उन्हें सौ फीसदी महत्व दे रही है और उन्हें नम्बर पांच पर बल्लेबाज़ी के लिए उतारा जाने लगा है। वहीं पंत ने भी टीम मैनेजमेंट को इस भरोसे के लिए निराश नहीं किया है।
नम्बर पांच की टेस्ट क्रिकेट में ऐसी पोज़ीशन होती है जहां खिलाड़ी को स्पिनर्स और पेसर्स दोनों को बखूबी खेलना होता है। पंत ने इस काम को अपने आक्रामक रवैये के साथ बखूबी अंजाम दिया है। अब नम्बर पांच पर पंत के बाद नम्बर छह पर श्रेयस अय्यर और नम्बर सात पर रवींद्र जडेजा हैं। ज़ाहिर है कि यह बेहतरीन मध्यक्रम है।
पंत क्योंकि आक्रामक खेलते हैं इसलिए उनके रनों का महत्व और भी ज़्यादा बढ़ जाता है। उनकी खेलने की शैली अपने कप्तान से काफी मेल खाती है। न सिर्फ भारतीय टीम में बल्कि आईपीएल टीमों में दोनों की कप्तानी में काफी समानताएं हैं। दोनों काफी रिलेक्स रहकर फैसले लेते हैं। जब आप फील्ड पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपके फैसलों में स्पष्टता आ जाती है।
पंत की विकेटकीपिंग में भी काफी सुधार हुआ
मुझे खुशी है कि पंत भारत के पहले ऐसे विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं जिन्हें टेस्ट सीरीज़ में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार से नवाज़ा गया है। यह प्रदर्शन ऐसे समय में आया है जब श्रीलंका की ओर से स्पिनरों का दबदबा देखा गया। यहां तक कि उनकी विकेटकीपिंग में भी काफी सुधार हुआ है। विकेट के पीछे उनका पूर्वानुमान बहुत अच्छा होता है। वह इस बात का बखूबी अंदाज़ा लगा लेते हैं कि अगर बल्लेबाज़ स्टेप आउट कर रहा है तो उसके चूकने पर गेंद किस तरफ आएगी। वह काफी रिलेक्स हैंड से कीपिंग कर रहे हैं। ऐसा कभी नहीं लगता कि गेंद उनके हाथ से छिटक जाएगी।
पंत के अलावा श्रेयस अय्यर ने काफी प्रभावित किया। वह तीनों फॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वह अच्छी खासी पॉवरहिटिंग करते हैं। इससे खेल रोमांचक बन जाता है। इसके अलावा आज आधुनिक क्रिकेट में अलग.अलग किस्म की गेंदों का इस्तेमाल खेल को रोमांचक बनाता है।
कंडीशंस के हिसाब से गेंद और विकेट का चयन काफी मायने रखता है जिससे आज के क्रिकेटर की चुनौतियां बढ़ जाती हैं। उसे अपने शॉट्स में विविधता लानी होती है। इस मामले में खुद को अपडेट करना होता है। ताकि कोई आपकी रणनीति को समझ न सके। आज टैक्नोलॉजी की वजह से यह काम आसान हो गया है।
श्रेयस का आक्रामक रवैया काफी कारगर रहा
श्रेयस जानते थे कि टिककर खेलेंगे तो मुश्किल होंगी। इसीलिए उन्होंने आक्रामक रवैया अपनायाए जो काफी कारगर रहा। मैं यहां केविन पीटरसन का उदाहरण देना चाहूंगा जो आक्रामक खेलते हुए गेंद को स्टैंड्स में पहुंचाया करते थे। उनके पास अच्छा डिफेंस भी था। पंत और श्रेयस भी आज यही कर रहे हैं। उनमें विश्वास आ गया है कि वे भी लगातार गेंद को स्टैंड्स में पहुंचाने में सक्षम हैं। बाकी विराट कोहली के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि वह नेट्स पर ज़्यादा समय बिताएं जिससे उन्हें अपनी ग़लतियों को दूर करने में मदद मिलेगी।
( लेखक टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ और चयनकर्ता रह चुके हैं )
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