राहुल काद्यान, इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली | भारतीय स्टार मिताली राज का 23 साल लंबा सफर खत्म, 6 वर्ल्ड कप खेले। 10,000 से ज्यादा रन बनाए। अब 39 की उम्र में क्रिकेट से लिया संन्यास
भारतीय महिला क्रिकेट की बात हो और मिताली राज का जिक्र ना हो। ये भला कैसे हो सकता है। लेकिन अब ये नाम मैदान पर दोबार कभी सुनाई नहीं देगा। अब भारतीय जर्सी में ये सितारा कभी दिखाई नहीं देगा। क्योंकि भारतीय पूर्व कप्तान मिताली राज ने क्रिकेट से तीनों फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है।
मिताली राज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी कि अब वो क्रिकेट को अलविदा कह रही हैं। मिताली ने सभी को थैंक यू बोला है। मिलाती ने लगभग 23 साल भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेला है। मिताली का डेब्यू 26 जून 1999 को हुआ था। तब से अब तक मिताली ने भारतीय क्रिकेट के लिए जी जान लगाकर जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। लेकिन अब ये नाम इस जर्सी में कम से कम मैदान पर दिखाई नहीं देगा।
39 साल की उम्र में क्रिकेट से लिया संयास
39 साल की मिताली ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए 10,000 से ज्यादा इंटरनेशनल रन बनाए। उन्होंने साल 2000 में भारत के लिए पहला वर्ल्ड कप खेला। इसके बाद 2005, 2009, 2013, 2017 और 2022 में भी मिताली टीम इंडिया के लिए मैदान पर खेल चुकी हैं। यानी मिताली भारतीय टीम के लिए अब तक सबसे ज्यादा 6 वर्ल्ड कप खेल चुकी है। जो महिला क्रिकेट में सबसे अधिक है। सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप खेलने के मामले में मिताली ने न्यूजीलैंड की पूर्व क्रिकेटर डेब्बी हॉकली और इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स को पीछे छोड़ा था।
चिट्ठी लिख प्रशंसकों को अपने संन्यास के बारे में बताया
संन्यास लेते हुए मिताली राज ने एक चिट्ठी ट्वीट की है और इसमें उन्होंने लिखा, ‘भारतीय नीली जर्सी पहनने के लिए मैंने एक छोटी बच्ची की तरह शुरुआत की थी क्योंकि अपने देश का प्रतिनिधित्व करना सबसे बड़ा सम्मान है। इस यात्रा में मैंने अच्छा और बुरा सब देखा है। हर एक घटना ने मुझे कुछ नया सिखाया है। यह 23 साल मेरे लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण, सुखद और परिपूर्ण रहे हैं। सभी यात्राओं की तरह इसे भी खत्म होना था। मैं आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास ले रही हूं।’
मेरा इरादा हमेशा भारत को जीताने का रहा : मिताली राज
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने जब भी मैदान पर कदम रखा, हमेशा अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश की। मेरा इरादा हमेशा भारत को जीताने का रहा। मैं तिरंगे का प्रतिनिधित्व करने के लिए मिले हर मौके को अपने साथ संजोकर रखूंगी। मैं महसूस करती हूं कि मेरे करियर को समाप्त करने का यह सही समय है। भारतीय टीम योग्य और हुनरमंद युवा खिलाड़ियों के हाथों में है। भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुनहरा है। मैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर बीसीसीआई और श्री जय शाह सर से मिले समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहूंगी।
‘इतने सालों तक भारतीय टीम की कप्तानी करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इसने मुझे एक बेहतर इंसान के रूप में ढाला है। मैं उम्मीद करती हूं कि इस दौरान भारतीय महिला क्रिकेट को भी एक बेहतर रूप मिला होगा। यह यात्रा यहां खत्म होती है लेकिन एक नई यात्रा शुरू होगी। मैं इस खेल में बने रहना चाहती हूं। मैं इस खेल से प्यार करती हूं। मुझे भारत और पूरी दुनिया में महिला क्रिकेट की बढ़ोत्तरी के लिए योगदान देने में खुशी होगी। मेरे सभी फैंस का बहुत धन्यवाद।’ आप सभी के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद।’
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