मनोज जोशी, नई दिल्ली :
Indian Team Best in Abroad : ऑस्ट्रेलिया का जो दबदबा ब्रिसबेन गाबा में रहा है, कुछ वैसा ही दबदबा साउथ अफ्रीका का सेंचुरियन के मैदान पर रहा है। टीम इंडिया ने साल की पहली टेस्ट जीत उसी गाबा मैदान में हासिल की जहां पिछले 32 वर्षों से कोई विदेशी टीम जीत नहीं पा रही थी और वह भी उन हालात में जहां टीम इंडिया को उसके नेट बॉलरों और युवा ब्रिगेड ने अनुभवी ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराकर करिश्मा कर दिया।
साल का समापन टीम इंडिया ने सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका को हराकर किया। इस जीत से टीम इंडिया का साउथ अफ्रीका में पहली टेस्ट सीरीज़ जीत का सपना साकार होता दिख रहा है। दोनों टीमों की ताक़त को देखते हुए अगर टीम इंडिया इस सीरीज़ में क्लीन स्वीप भी कर ले तो कोई हैरानगी नहीं होगी।
टीम इंडिया ने 13 में से 9 टेस्ट जीते Indian Team Best in Abroad
इस साल टीम इंडिया ने 13 में से 9 टेस्ट जीते, दो गंवाये और इतने ही ड्रॉ रहे जबकि इस साल टी-20 वर्ल्ड कप की वजह से ज़्यादा वन-डे नहीं हुए। भारत ने इस साल खेले तीन वनडे में से दो में जीत हासिल की जबकि कुल 13 टी-20 मुक़ाबलों में से नौ में भारत को जीत हासिल हुई जबकि चार में हार का सामना करना पड़ा।
इन चार में पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया की वह हार भी शामिल है, जिससे भारत इस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका।
वैसे इस साल को विराट-सौरभ गांगुली विवाद, अश्विन-शास्त्री विवाद, विराट के टी-20 और वन-डे की कप्तानी छोड़ने, रोहित को इन दोनों फॉर्मेट की कप्तानी सौंपने और ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराकर एक और सीरीज़ जीतने और इंग्लैंड को इंग्लैंड में हराकर सीरीज़ में बढ़त बनाने के लिए याद किया जाएगा ।
अब सेंचुरियन की जीत भी इसमें जुड़ गई है जहां साउथ अफ्रीका 26 में से 21 टेस्ट जीता था। साल की शुरुआत सिडनी टेस्ट के ड्रॉ होने और फिर ब्रिसबेन गाबा का गुरूर तोड़ने के साथ हुई।
सिडनी टेस्ट को जहां हनुमा विहारी और आर अश्विन की टिकाऊ बल्लेबाज़ी से भारत मैच को ड्रॉ कराने में सफल रहा तो वहीं भारत ब्रिसबेन टेस्ट को अपने शानदार टीम वर्क से जीतने में सफल रहा।
पहली पारी में वाशिंग्टन सुंदर और शार्दुल की सेंचुरी पार्टनरशिप सीराज, शार्दुल और नटराजन की शानदार गेंदबाज़ी और फिर शुभमान गिल, पुजारा और ऋषभ पंत ने टीम को विजय लक्ष्य तक पहुंचाकर इतिहास रच दिया।
नेट बॉलर्स और युवा ब्रिगेड ने दिखाया कमाल Indian Team Best in Abroad
दुनिया की कोई भी टीम इन 32 वर्षों में जो काम गाबा में नहीं कर पाई, वह काम हमारे नेट बॉलरों और युवा ब्रिगेड ने कर दिखाया। गिल और पंत को सेंचुरी पूरी न करने से ज़्यादा खुशी टीम को जिताकर हासिल हुई। इंग्लैंड के खिलाफ होम सीरीज़ भारत ने आर अश्विन (32 विकेट) और अक्षर पटेल (27 विकेट) की रिकॉर्डतोड़ क़ामयाबी से जीती।
दरअसल चेन्नई में जो रूट की डबल सेंचुरी और बेन स्टोक्स की बढ़िया बल्लेबाज़ी से इंग्लैंड ने भारत के लिए अलार्मिंग बेल का काम किया। इसका नतीज़ा यह हुआ कि टीम इंडिया तीसरा टेस्ट दो दिन में और चौथा टेस्ट पारी से जीतने में क़ामयाब रही।
इंग्लैंड दौरे में नॉटिंघम टेस्ट के बारिश की वजह से ड्रॉ समाप्त होने के बाद लॉर्ड्स टेस्ट में केएल राहुल ने सेंचुरी बनाकर और सीराज ने कुल आठ विकेट चटकाकर मैच को एकतरफा बना दिया लेकिन लीड्स में खेले गये इससे अगले ही टेस्ट में भारत पारी से हारा क्योंकि पहली पारी में टीम इंडिया केवल 78 रन पर सिमट गई और फिर इससे नहीं उबर पाई।
ओवल टेस्ट में चमके रोहित शर्मा Indian Team Best in Abroad
ओवल टेस्ट में रोहित शर्मा ने सेंचुरी बनाकर भारत की जीत में बड़ा योगदान दिया। रोहित ने इस पूरे दौरे में भारत की ओर से सबसे ज़्यादा रन बनाये तो वहीं केएल राहुल इस मामले में दूसरे स्थान पर रहे। लेकिन वहीं इंग्लैंड की ज़मीं पर भारत वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल न्यूज़ीलैंड से हार गया।
साउथैम्प्टन में खेले गये इस मैच में भारत की ओर से एक भी हाफ सेंचुरी नहीं लगी। दरअसल, साउदी, बोल्ट, जैमिसन और वैगनर ने भारतीय बल्लेबाज़ी पर पूरी तरह से अंकुश लगा दिया और भारत का विराट की कप्तानी में आईसीसी ट्रॉफी जीतने का सपना साकार नहीं हो सका।
साल के अंत में भारत ने न्यूज़ीलैंड ने मुम्बई टेस्ट जीतकर हिसाब ज़रूर चुकता किया लेकिन उस जीत में वो मज़ा नहीं था जो साउथैम्प्टन में न्यूज़ीलैंड की जीत में था।
मयंक अग्रवाल की 150 रनों की पारी और अश्विन ने जहां दोनों पारियों में 4-4 विकेट हासिल किये, वहीं न्यूज़ीलैंड के बाएं हाथ के स्पिनर एजाज़ पटेल ने भारत की पहली पारी के सभी दस विकेट हासिल करके जिम लेकर और अनिल कुम्बले की सूची में आ गये।
एजाज ने पारी में झटके 10 विकेट Indian Team Best in Abroad
जिम लेकर और कुम्बले ने अपनी-अपनी ज़मीं पर ये कमाल किया जबकि एजाज़ ने विदेशी ज़मीं पर इसे अंजाम दिया। इससे पहले कानपुर टेस्ट में श्रेयस अय्यर ने पहली पारी में सेंचुरी और दूसरी पारी में हाफ सेंचुरी लगाने का कमाल किया। अपना पहला टेस्ट खेल रहे किसी भी खिलाड़ी ने उनसे पहले किसी भारतीय ने यह कमाल नहीं किया था।
वनडे फॉर्मेट में भारत ने इंग्लैंड को अपनी ज़मीं पर 2-1 से हराया। यह हाई स्कोरिंग सीरीज़ रही जिसमें भारत ने पहला वनडे शिखर, विराट, राहुल और क्रुणाल पांड्या की बढ़िया पारियों से जीता लेकिन जेसन राय, जॉनी बेयरस्टो और बेन स्टोक्स ने अगले ही वनडे में इंग्लैंड को बराबरी दिला दी।
तीसरा वनडे इंग्लैंड 322 रन बनाकर भी हार गया। शिखर, पंत और हार्दिक ने भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाई।
टी-20 फॉर्मेट में भारत ने इंग्लैंड को अपनी ज़मी पर 3-2 से हराया लेकिन इसी फॉर्मेट के वर्ल्ड कप में भारत को पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
पाकिस्तान के खिलाफ नहीं चली बल्लेबाजी और गेंदबाजी Indian Team Best in Abroad
पाकिस्तान के खिलाफ न भारत की बल्लेबाज़ी चली और न ही गेंदबाज़ी, जिससे पाकिस्तान ने वह कर दिखाया जो उसे टी-20 और वनडे के वर्ल्ड कप में इससे पहले भारत से खेले 12 मुक़ाबलों में नसीब नहीं हुआ था। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज़ी का फ्लॉप शो जारी रही।
उसके बाद बेशक टीम इंडिया ने कमज़ोर टीमों के खिलाफ बहादुरी दिखाई लेकिन वह उसके सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए काफी नहीं थी। साल के अंत में टीम इंडिया ने न्यूज़ीलैंड से जयपुर, रांची और कोलकाता में खेले तीनों टी-20 के मुक़ाबले जीते। इसमें खासकर आखिरी टी20 में अक्षर पटेल ने तीन ओवर में नौ रन देकर तीन विकेट चटकाये।
आईसीसी ट्रॉफी के अंतर्गत भारत जहां टेस्ट और टी-20 के वर्ल्ड कप नहीं जीत सका लेकिन द्विपक्षीय सीरीज़ में भारत का प्रदर्शन लाजवाब रहा। खासकर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की ज़मीं पर और अब साउथ अफ्रीका में पहली बार टेस्ट सीरीज़ जीतने की उम्मीद जग गई है।
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