राजकुमार शर्मा, नई दिल्ली:
India Team Selection 4 WI Tour : टीम इंडिया का वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज़ के लिए चयन हो गया जिसमें कुछेक चौंकाने वाली चीज़ें सामने आई हैं। मसलन, इस टीम में एक भी बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ नहीं है जबकि चेतन सकारिया और जयदेव उनादकट ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
अगर आप अनुभव पर जाते तो उनादकट को मौका दिया जा सकता था। यदि युवा को रखना चाहते तो चेतन एक अच्छे विकल्प होते। वैसे भी उन्हें श्रीलंका दौरे में टी-20 और वनडे दोनों फॉर्मेट में खिलाया गया। दोनों मैचों में उन्हें विकेट भी मिले लेकिन लगता है कि उनके प्रदर्शन को भुला दिया गया।
भुवनेश्वर कुमार को उनके अनुभव को देखते हुए चुना गया India Team Selection 4 WI Tour
भुवनेश्वर कुमार को एक लाइफलाइन दी गई है। उन्हें वनडे से हटाकर टी-20 में खिलाने का फैसला किया गया है। ज़ाहिर है कि बुमराह और शमी की गैर-मौजूदगी में भुवनेश्वर कुमार को उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें चुना गया है। वैसे भी इस साल होने वाले वर्ल्ड कप में सीनियर खिलाड़ी की ज़रूरत पड़ेगी।
इतना ही नहीं, घरेलू क्रिकेट में शाहरुख खान क बड़े मैच विनर के तौर पर सामने आये। वह ज़रूरत पड़ने पर 300 के स्ट्राइक रेट से हिटिंग करके मैच जिताने का माद्दा रखते हैं।
बाकी विराट कोहली के बारे में इन दिनों खूब चर्चाएं चल रही हैं कि उन्हें आरसीबी की कप्तानी के लिए कहा जा रहा है। उन्हें इस बारे में ऑफर भी दिया गया है। मुझे नहीं लगता कि वह कप्तानी करने के मूड में हैं। वैसे मेरी इस बारे में उनसे कोई बात नहीं हुई है लेकिन मेरे ख्याल से वह दोबारा कप्तानी नहीं करेंगे।
कलाइयों के स्पिनर्स को तरजीह दी गई
इस बार टीम इंडिया में कलाइयों के स्पिनर्स को तरजीह दी गई है। रवि बिष्णोई को दोनों फॉर्मेट में चुना गया है जबकि कुलदीप यादव की वनडे क्रिकेट में वापसी हुई है। यजुवेंद्र चहल टीम में पहले से मौजूद हैं। मुझे लगता है कि चहल फिलहाल लेग स्पिनर के तौर पर ज़्यादा प्रभावी हो सकते हैं जिनसे आप इस साल टी-20 वर्ल्ड कप में भी काफी उम्मीद कर सकते हैं। टीम में रवि बिष्णोई भी हैं। यह दौर उनके लिए एक अच्छा लर्निंग अनुभव साबित हो सकता है।
वैसे वर्ल्ड कप के दौरान उस वक्त खिलाड़ियों की फॉर्म ज़्यादा मायने रखेगी। वैसे भी गेंदबाज़ों को ज़्यादा पता होता है
कि कहां गलती हो रही है। उनकी गेंद कहां पड़ रही है। अपना आकलन करके अच्छे प्रदर्शन तक पहुंचा जा सकता है।
बाकी रविचंद्रन अश्विन अगर फिट नहीं हैं तो उन्हें न चुने जाने की बात समझ में आती है लेकिन अगर वह फिट हैं तो उनकी कमी ज़रूर खलेगी क्योंकि उनका प्रदर्शन भारतीय कंडीशंस में शानदार रहा है।
(लेखक विराट कोहली के कोच होने के अलावा द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हैं)
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