सबा करीम, नई दिल्ली | Saba Karim : गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ा काम होता है पिच और मैच की स्थिति को समझना और फिर उसके हिसाब से सही लेंथ पर गेंदबाजी करना। यह सब किया भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तान के खिलाफ। बाउंसर या हार्ड लेंथ करना आसान होता है लेकिन सटीक जगह और सटीक लेंथ पर उन गेंदों को पिच करना बड़ी चुनौती होती है। ऐसी गेंदबाजी करते वक्त ध्यान रखना होता है कि हार्ड लेंथ या बाउंसर गेंद बल्लेबाज के शरीर की तरफ आए और बल्लेबाज को शॉर्ट खेलने का ज्यादा वक्त न मिले। तभी ये सब गेंदे कारगर हो पाती हैं।
रोहित की अच्छी कप्तानी के चलते गेंदबाजों ने किया कमाल : सबा करीम
भारतीय गेंदबाजों ने यह सब करके दिखाया। उनके मन में प्लान था कि इस पिच पर कैसी गेंदबाजी करनी है। सभी गेंदबाजों ने बहुत अच्छे तरीके से अपने प्लान के हिसाब से गेंदबाजी की और उन सभी को रोहित की अच्छी कप्तानी और अच्छी फील्ड प्लेसमेंट का फायदा मिला। भुवनेश्वर कुमार वैसे तो एक स्विंग गेंदबाज हैं पर पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में उनकी गेंदबाजी में खास स्विंग देखने को नहीं मिला लेकिन फिर भी उन्होंने जल्दी इस चीज को समझा। तुरंत ही अपनी लेंथ में बदलाव किया और शॉर्ट बॉल से प्रहार किया जो बाबर आजम के बल्ले का ऊपरी किनारा लेते हुए फीलडर के हाथों में गई।
हमारे गेंदबाजों के पास अच्छी गेंदबाजी की स्पीड
हार्दिक पांड्या ने भी हार्ड लेंथ और बाउंसर करने का लगातार प्रयास किया और उन्हें विकेट भी उन्हीं गेंदों पर मिलीं। ऐसा नहीं है कि हमारे गेंदबाजों के पास गति नहीं है। हार्दिक 135-140 की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। भुवनेश्वर कुमार भी लगभग 138-140 की गति को छू लेते हैं और आवेश खान 140 से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी कर लेते हैं। अर्शदीप भी 135-140 की रफ्तार के आस पास गेंदबाजी कर रहे थे इस गति के साथ स्किल भी चाहिए और इसी स्किल का बहुत अच्छा इस्तेमाल हमारे गेंदबाजों ने किया। तभी वो हमारे गेंदबाज आखिरी के पांच ओवरों में पांच विकेट चटकाने में सफल हुए। पाकिस्तान के लिए तभी पूरा मैच पलट गया था।
अच्छी गेंदबाजी के चलते पाकिस्तान के बल्लेबाजों को शॉटस खेलने की नहीं मिली जगह
बहुत कुछ निर्भर करता है पिच पिच कैसी है और बल्लेबाजों को अगर गेंदबाज शॉट खेलने के लिए जगह नहीं देंगे तो बल्लेबाज आड़े तिरछे शॉट्स खेलकर आउट हो जाएंगे इसलिए इस मुकाबले में भारतीय गेंदबाज सफल रहे क्योंकि उन्होंने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को शॉट्स खेलने के लिए जगह नहीं दी। अच्छी तरह से पिच को समझ कर गेंदबाजी की। गेंद स्विंग नहीं हो रही थी तो हार्ड लेंथ और बाउंसर किए जो बल्लेबाज के शरीर की तरफ आ रहे थे। इस तरह पूरी प्लानिंग और एक अच्छा कॉम्बिनेशन भारतीय टीम में देखने को मिला।
गेंदबाजों में खास तौर पर भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या ने पिच और कंडीशंस को समझ कर गेंदबाजी की। बाउंसर का अच्छा इस्तेमाल किया और पाकिस्तान के खिलाफ हमारी ये जीत सुनिश्चित की। आगे के मुकाबलों के लिए यह देखना होगा कि पिच कैसा बर्ताव करती है। वही तय करेगा कि गेंदबाजों का प्रदर्शन आगे आने वाले मुकाबलों में कैसा होगा।
(लेखक टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और चयनकर्ता रह चुके हैं)
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